नई दिल्ली।’ संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि और अंतर-सरकारी वार्ता (आइजीएन) के सह-अध्यक्ष तारिक अलबनई ने सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अगर परिषद के सदस्यों की संख्या 21 से 27 के बीच बढ़ाई जाती है, तो विश्व मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी होने के नाते भारत निश्चित रूप से एक दावेदार होगा।
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यह पूछे जाने पर कि यूएनएससी में सुधार के लिए क्या सुनिश्चित किया जाना चाहिए, अल्बानी ने कहा कि सुधार का लक्ष्य प्रतिनिधित्व को बढ़ाना है। इसलिए अगर यह निर्णय लिया जाता है कि परिषद का विस्तार होगा तो निश्चित रूप से भारत दावेदार होगा। उन्होंने कहा कि सुधार के बाद परिषद जो भी रूप ले उसे अगली शताब्दी तक चलने के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए, जो समावेशिता, पारदर्शिता, दक्षता, प्रभावशीलता, लोकतंत्र और जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित हो। वे इस सत्र में सदस्य देशों द्वारा दिखाई गई गति से उत्साहित हैं।
सुधार की भावना के लिए साहस और रचनात्मकता दोनों की आवश्यकता होती है और सभी प्रतिनिधिमंडलों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है क्योंकि हम सुरक्षा परिषद सुधार के मुख्य तत्वों पर आम सहमति बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले एक अप्रैल को भारत स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने कहा था कि वह भारत को स्थायी सीट दिलाने के उद्देश्य से यूएनएससी सुधार की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करेगा।



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