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June 28, 2025

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Jai Jagannath

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गायत्री नगर रायपुर में 27 जून को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा; राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे मंगल आरती

संवाददाता द्वय: समित मुखर्जी (रुद्र) एवं विवर तिवारी (राज)

रायपुर, 25/06/2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का गायत्री नगर इस वर्ष भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा के लिए तैयार है, जो 27 जून 2025 को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। यह जानकारी श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष श्री पुरंदर मिश्रा ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य के संरक्षक, माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी इस पावन अवसर पर मंगल आरती करेंगे, जो इस आयोजन को और भी गरिमामय बनाएगा।

रथयात्रा का महत्व और आयोजन की विस्तृत जानकारी

श्री मिश्रा ने बताया कि रथयात्रा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व भी है जो भक्तों को भगवान से जोड़ता है और देश में आपसी भाईचारे तथा प्रेम को बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ महाप्रभु ही एकमात्र ऐसे भगवान हैं जो वर्ष में एक बार बाहर आकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पुरी की तरह, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को भी जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के लिए तीन अलग-अलग रथ बनाने का गौरव प्राप्त है।

रथयात्रा का शुभारम्भ ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान पूर्णिमा से होता है, जब भगवान जगन्नाथ अत्यधिक स्नान के कारण बीमार पड़ जाते हैं। इस दौरान 15 दिनों तक मंदिर में दुर्लभ जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा पिलाया जाता है। इस बीमार अवस्था में भक्तों को उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। स्वास्थ्य लाभ के बाद, भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ तीन अलग-अलग रथों – नंदी घोष (जगन्नाथ जी), तालध्वज (बलराम दाऊ जी) और देवदलन (सुभद्रा जी) पर सवार होकर अपनी मौसी के घर, गुंडिचा मंदिर जाते हैं।

रथयात्रा के दिन, गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में 11 पंडितों द्वारा विशेष अभिषेक पूजा और हवन किया जाएगा। 

संवाददाता द्वय: समित मुखर्जी (रुद्र) एवं विवर तिवारी (राज) द्वारा रथयात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग संघर्ष के स्वर के युटुब चैनल से किया जावेगा।

इस वर्ष, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आश्रमित अतिथिगण हदनकुंड में पूर्णाहूति के पश्चात् “छेरा पहरा” (रथ के आगे सोने की झाड़ू से बुहारना) की रस्म अदा करेंगे। इसके बाद विशेष पूजा अर्चना, महाप्रसाद वितरण और रथ खींचने की रस्म निभाई जाएगी। रथयात्रा गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से प्रारम्भ होकर गुंडिचा मंदिर में समाप्त होगी। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति ने बड़े पैमाने पर प्रसाद वितरण की व्यवस्था की है।

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