रायपुर जिले में भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में हुए व्यापक घोटाले के उजागर होने के बाद, जिला प्रशासन ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिग्रहण से संबंधित सभी जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की है। अपर कलेक्टर कीर्तिमान सिंह राठौर के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को भूमि अधिग्रहण या मुआवजा वितरण में अनियमितता की शिकायत है, तो वे 15 मई 2025 तक संबंधित एसडीएम कार्यालयों में दावा या आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
इस घोटाले में, रायपुर जिले के अभनपुर और आरंग क्षेत्रों में किसानों की भूमि का अधिग्रहण अधिसूचना के बाद किया गया, जिसमें खसरा नंबरों में हेरफेर कर मुआवजा राशि को कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया। जांच में पाया गया कि भूमि के टुकड़े कर नए खसरा नंबर बनाए गए और कई नए नाम जोड़े गए, जिससे मुआवजा राशि 29.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 78 करोड़ रुपये हो गई। इस प्रकार, लगभग 43 करोड़ रुपये का गबन हुआ।
राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को जांच सौंपी है। अब तक, दो भूमि दलालों और दो अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि नामजद सरकारी अधिकारी फरार हैं। EOW और ACB की संयुक्त कार्रवाई में रायपुर और दुर्ग जिलों में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है।
इस घोटाले के उजागर होने के बाद, राज्य सरकार ने 11 जिलों में भूमि अधिग्रहण की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी की समीक्षा करें और यदि कोई अनियमितता पाते हैं, तो 15 मई तक संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे प्रभावित किसानों को न्याय मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सके।



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