Categories

December 27, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

Electric Pole Damaged : सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना पड़ा महंगा, चालक पर 28 हजार रुपये का दंड

Electric Pole Damaged , कोरबा। विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम, 2003) कोरबा की अदालत ने लापरवाही से वाहन चलाकर विद्युत पोल क्षतिग्रस्त करने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। न्यायालय ने ट्रेलर वाहन के चालक को दोषसिद्ध करार देते हुए 6 हजार रुपये का जुर्माना और विद्युत विभाग को 22 हजार रुपये क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है। यह फैसला सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामलों में सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

Karnataka Road Accident : नेशनल हाईवे पर भीषण आग, चित्रदुर्ग में स्लीपर बस हादसे ने ली 9 जानें

प्रकरण के अनुसार, आरोपी चालक द्वारा ट्रेलर वाहन को लापरवाहीपूर्वक चलाया जा रहा था। इसी दौरान वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे लगे विद्युत पोल से टकरा गया, जिससे पोल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना के कारण आसपास के क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित हुई और विद्युत विभाग को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

घटना की सूचना मिलने के बाद विद्युत विभाग के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और क्षति का आकलन किया। विभाग द्वारा संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके आधार पर मामला विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों और दस्तावेजों के माध्यम से यह साबित किया कि दुर्घटना चालक की लापरवाही का परिणाम थी।

न्यायालय ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि सार्वजनिक संपत्ति, विशेषकर विद्युत जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़ी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में केवल जुर्माना ही नहीं, बल्कि हुए नुकसान की भरपाई भी आवश्यक है। इसी आधार पर अदालत ने आरोपी चालक को दोषी मानते हुए दंडित किया। अदालत ने आदेश दिया कि आरोपी चालक 6,000 रुपये अर्थदंड के साथ-साथ 22,000 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि विद्युत विभाग को अदा करेगा, ताकि क्षतिग्रस्त पोल की मरम्मत और अन्य खर्चों की भरपाई की जा सके।

इस फैसले के बाद विद्युत विभाग के अधिकारियों ने संतोष जताया है। उनका कहना है कि इस तरह के निर्णय से लापरवाह वाहन चालकों में जिम्मेदारी का एहसास होगा और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं में कमी आएगी। कानूनी जानकारों का मानना है कि यह फैसला न केवल कोरबा जिले बल्कि पूरे राज्य में एक मिसाल के तौर पर देखा जाएगा, जिससे सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ेगी।

About The Author