पुलिस का साथ दीजिये, ताकि कानून व्यवस्था मजबूत बन सकें और आप हम चैन की नींद सो सकें।
पुलिस की यह सक्रियता और पैनी नज़र वास्तव में शांति व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 📜 थानावार अपराधों का विस्तृत बिंदुवार विवरण (04.12.2025): –
1. खम्हारडीह थाना (कुल 3 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 137-2 (अपहरण)
अज्ञात आरोपी द्वारा 14 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले जाने का आरोप।
बीएनएस की धारा 137-2 भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363 के समरूप है, जो अवयस्क का अपहरण से संबंधित है। यह अपराध बच्चों की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार पर सीधा हमला है।
बीएनएस: 137-2 (अपहरण)
यह मामला भी अज्ञात आरोपी द्वारा 14 वर्षीय किशोरी के अपहरण से संबंधित है। (गुम इंसान क्र. 71/25 की जांच पर दर्ज)
चूँकि पीड़ित की आयु 18 वर्ष से कम है, अपहरण की श्रेणी में ‘बहला-फुसलाकर’ ले जाना भी शामिल हो सकता है। नाबालिग लड़की को ले जाना ‘विधिपूर्ण संरक्षकता’ से बाहर ले जाने के तहत आता है, भले ही नाबालिग ने सहमति दी हो।
आबकारी एक्ट: 36 च
आरोपी को आम जगह पर शराब पीते हुए गिरफ्तार किया गया।
आबकारी अधिनियम की धारा 36 च (या समरूप राज्य अधिनियम) सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने पर रोक लगाती है। यह सार्वजनिक व्यवस्था और शांति बनाए रखने से संबंधित है।
2. गंजथाना (कुल 2 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 281, 125 ए (दिगर बीएनएस अपराध)
अज्ञात वाहन चालक द्वारा तेज और लापरवाही से वाहन चलाकर मोटर साइकिल सवार को टक्कर मारकर चोट पहुँचाना।
धारा 281 (IPC 279 के समरूप) लापरवाही से वाहन चलाकर मानव जीवन को संकट में डालना से संबंधित है। धारा 125 ए (IPC 337 के समरूप) लापरवाही से कार्य कर चोट पहुँचाना (Simple Hurt) से संबंधित है। यह सड़क सुरक्षा और लापरवाही के कारण हुई क्षति के लिए जवाबदेही तय करता है।
आबकारी एक्ट: 36 च
आरोपी को आम जगह पर शराब पीते हुए गिरफ्तार किया गया।
यह भी सार्वजनिक नशे को रोकने और सार्वजनिक शांति भंग न होने देने से संबंधित मामला है।
आरोपी द्वारा पीड़ित को गाली-गलौच करना, जान से मारने की धमकी देना, और हाथ-मुक्का से मारपीट कर चोट पहुँचाना।
यह मामला IPC की धाराओं 323 (मारपीट/चोट पहुँचाना), 506 (आपराधिक धमकी), और 294 (गाली-गलौच) के समरूप धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। धारा 115-2 (IPC 323 के समरूप) स्वेच्छा से चोट पहुँचाना (Voluntarily Causing Hurt) से संबंधित है। धारा 296 (IPC 506 के समरूप) आपराधिक अभित्रास (Criminal Intimidation) से संबंधित हो सकती है, यदि 3-5 धमकी से संबंधित है।
4. दीनदयाल उपाध्याय नगर थाना (कुल 1 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 303-2 (दिगर बीएनएस अपराध)
अज्ञात चोर द्वारा खड़ी होण्डा मोटरसाइकिल (कीमत ₹8000) की चोरी।
धारा 303-2 (IPC 379 के समरूप) चोरी (Theft) के अपराध से संबंधित है। यह संपत्ति के विरुद्ध अपराध है, जिसमें चल संपत्ति को बेईमानी से लेने का आशय शामिल होता है।
5. विधान सभा थाना (कुल 1 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 303-2 (दिगर बीएनएस अपराध)
अज्ञात चोर द्वारा खड़ी होण्डा साईन मोटरसाइकिल (कीमत ₹20,000) की चोरी।
यह अपराध भी चोरी (IPC 379/BNS 303-2) की श्रेणी में आता है।
6. देवेन्द्र नगर थाना (कुल 1 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 281, 125 (दिगर बीएनएस अपराध)
मोटरसाइकिल चालक द्वारा तेज और लापरवाही से वाहन चलाकर पीड़ित और उसकी सहेली को टक्कर मारकर चोट पहुँचाना।
यह मामला भी गंजथाना के अपराध 321/25 के समान लापरवाही से वाहन चलाने (BNS 281/IPC 279) और चोट पहुँचाने (BNS 125/IPC 337) से संबंधित है।
7. माना कैम्प थाना (कुल 1 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 296, 115-2, 351-2 (दिगर बीएनएस अपराध)
गाली-गलौच करने से मना करने पर आरोपी द्वारा पीड़ित को गाली-गलौच, जान से मारने की धमकी और हाथ-मुक्का से मारपीट कर चोट पहुँचाना।
यह मामला धरसींवा के अपराध 660/25 के समान, मारपीट (BNS 115-2/IPC 323) और आपराधिक धमकी (BNS 296/IPC 506) से संबंधित है।
8. अभनपुर थाना (कुल 1 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
बीएनएस: 296, 115-2 (दिगर बीएनएस अपराध)
आरोपी द्वारा प्रार्थीया को गाली-गलौच करते हुए हाथ-मुक्का से मारपीट कर चोट पहुँचाना।
यह मामला मुख्य रूप से स्वेच्छा से चोट पहुँचाना (BNS 115-2/IPC 323) और गाली-गलौच/आपराधिक धमकी (BNS 296) से संबंधित है।
9. आमानाका थाना (कुल 1 अपराध)
धाराएँ
अपराध का विवरण
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
नार्कोटिक्स: 20 बी
आरोपी के कब्जे से 51.85 ग्राम मादक पदार्थ हीरोईन (चिट्टा) बरामद, जिसकी कीमत ₹5,18,500 है।
नारकोटिक्स की धारा 20(बी) स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम (NDPS Act), 1985 से संबंधित है। यह धारा गांजा, अफीम जैसे पौधों से प्राप्त पदार्थों से संबंधित है। 51.85 ग्राम हीरोईन की मात्रा कम मात्रा (Small Quantity) और व्यावसायिक मात्रा (Commercial Quantity) के बीच की मध्यम मात्रा (Intermediate Quantity) हो सकती है, जिस पर NDPS एक्ट की धारा 20(बी)(ii)(B) लागू होती है। यह एक गंभीर अपराध है जो जमानत और सजा के मामले में NDPS एक्ट के प्रावधानों से शासित होता है।
कुल 13 मामले आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए हैं, जो सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों को दर्शाते हैं।
थाना
अपराधों की संख्या
प्रमुख धारा
कानून की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु
कोतवाली
2
आबकारी एक्ट: 36 च
दोनों मामलों में आरोपी को आम जगह पर शराब पीते हुए गिरफ्तार किया गया।
तेलीबांधा
6
36 च (5 मामले) और 36 सी (1 मामला)
36 च के तहत सार्वजनिक नशे के मामले दर्ज किए गए। 36 सी (अपराध 776/25) अवैध रूप से शराब पिलाने (ठेले पर) से संबंधित है। धारा 36 सी अवैध बिक्री या अवैध उपभोग की अनुमति देने से संबंधित हो सकती है, जो 36 च से अधिक गंभीर है।
खम्हारडीह
1
आबकारी एक्ट: 36 च
आम जगह पर शराब पीने का मामला।
खमतराई
2
आबकारी एक्ट: 36 सी
दोनों मामलों में आरोपी को ठेले में लोगों को अवैध रूप से शराब पिलाते हुए गिरफ्तार किया गया।
खरोरा
1
आबकारी एक्ट: 36-सी
आरोपी को ठेले में लोगों को अवैध रूप से शराब पिलाते हुए गिरफ्तार किया गया।
गोबरा नवापारा
1
आबकारी एक्ट: 36 सी
आरोपी को ठेले में लोगों को अवैध रूप से शराब पिलाते हुए गिरफ्तार किया गया।
📚 प्रतियोगी परीक्षाओं और कानून के छात्रों के लिए मुख्य सारांश
भारतीय न्याय संहिता (BNS): इस रिपोर्ट में BNS की तीन मुख्य श्रेणियाँ सामने आती हैं:
व्यक्ति के विरुद्ध अपराध (जैसे 137-2/अपहरण): नाबालिगों की सुरक्षा को प्राथमिकता।
संपत्ति के विरुद्ध अपराध (जैसे 303-2/चोरी): चल संपत्ति की चोरी।
जन सुरक्षा/लापरवाही के अपराध (जैसे 281, 125, 115-2, 296): सड़क पर लापरवाही (281), साधारण चोट (115-2, 125), और आपराधिक धमकी (296)।
NDPS एक्ट (धारा 20 बी): यह धारा NDPS एक्ट के तहत मादक पदार्थों की तस्करी/अवैध कब्जे के मामलों में मात्रा (Quantity) के आधार पर सज़ा का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण है (जैसे, इस मामले में ‘हीरोईन चिट्टा’ की मध्यम मात्रा)।
आबकारी अधिनियम (36 च और 36 सी):
36 च सार्वजनिक उपद्रव और नशे पर रोक लगाती है।
36 सी अवैध रूप से शराब बेचने/पिलाने के संगठित (या अर्ध-संगठित) अपराधों को लक्षित करती है।
डेली सिचुएशन रिपोर्ट जानने के लिए बने रहें हमारे चैनल में …..
More Stories
DSR 21 DEC 2025 : राजधानी में अपराध का ग्राफ बढ़ा; अपहरण, नशा तस्करी और सट्टेबाजी पर पुलिस का कड़ा प्रहार
CG NEWS : जबरदस्त पिटाई में व्यक्ति को 80 से ज्यादा चोटें, डॉक्टर बोले– शरीर का कोई हिस्सा सुरक्षित नहीं
Bhilai Briefcase Theft : भिलाई में उद्योगपति के ब्रीफकेस से 2 लाख रुपए चोरी करने वाले कर्मचारी गिरफ्तार