रायपुर के कमल विहार क्षेत्र स्थित कौशल्या माता विहार सेक्टर-11 में आरडीए (रायपुर विकास प्राधिकरण) की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग और कब्जा करने का मामला सामने आया है। डुंडा इलाके में दलालों ने सरकारी जमीन पर छोटे-छोटे प्लाट बनाकर उन्हें 100 से 500 रुपये प्रति वर्गफुट की दर से बेच डाला। यह जमीन 500 से 2000 वर्गफुट की प्लाटिंग कर बेहद सस्ते दामों में बेची गई, जिसमें फर्जी नोटरी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया।

इस अवैध जमीन बिक्री में राज्य के दर्जनों पुलिस अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई है, जिन्होंने इन जमीनों को खरीदने के बाद कई स्थानों पर निर्माण भी शुरू कर दिया था। इनमें से कुछ मकान मालिकों ने बाकायदा नगर निगम में टैक्स भी जमा कर दिया, जिससे प्रशासन को धोखा दिया गया।
जैसे ही यह मामला उजागर हुआ, जिला प्रशासन, नगर निगम और आरडीए की संयुक्त टीम ने अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की। शनिवार को की गई कार्रवाई के दौरान दलाल मौके से फरार हो गए। सोमवार को प्रशासन की एक टीम ने बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंचकर पूरे लेआउट का निरीक्षण किया। इस दौरान अकील अहमद नामक व्यक्ति मिला, जिसने बताया कि उसने मई 2023 में शोभाराम साहू से करीब 5 लाख में जमीन खरीदी थी। उसे यह बताया गया था कि जमीन पर आरडीए का कोई दावा नहीं है।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ऐसे सभी सौदों को अवैध घोषित कर दिया है और जनता को सस्ती जमीन के लालच में न आने की चेतावनी जारी की है। नोटरी दस्तावेजों की जांच जारी है और फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। अब तक 40 अवैध मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है।



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