नई दिल्ली।’ सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को राज्य विधानसभाओं में पास बिलों पर विचार करते समय राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए डेडलाइन को लेकर राष्ट्रपति की तरफ से मांगे सुझाव पर सुनवाई होगी। राष्ट्रपति ने पूछा है कि क्या कोर्ट राज्यों के बिल से निपटने के लिए राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए समयसीमा तय कर सकता है।
इससे पहले CJI बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 19, 20 और 21 अगस्त को लगातार तीन दिन मामले की सुनवाई हुई थी। बेंच में CJI के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, पी एस नरसिम्हा और ए एस चंदुरकर शामिल हैं।
21 अगस्त को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करने का विरोध किया और कहा कि यह कोर्ट का नहीं, संसद का काम है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘जब अदालतों के लिए मामलों पर फैसला करने की कोई समय सीमा तय नहीं है, तो राज्यपालों के लिए ऐसा क्यों?’
केंद्र ने कहा कि अगर राज्यपाल विधेयकों पर कोई फैसला नहीं लेते हैं तो राज्यों को कोर्ट की बजाय बातचीत से हल निकालना चाहिए। सभी समस्याओं का समाधान अदालतें नहीं हो सकतीं। लोकतंत्र में संवाद को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।



More Stories
ATS/ATF Investigation : विस्फोटक से भरी पिकअप जब्त, सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी
Balrampur Bus-Truck Accident : बलरामपुर ट्रक-बस टक्कर, आग लगने से 3 यात्रियों की मौत, कई घायल
Chennai Metro Suffers Major Technical Fault : टनल में 10 मिनट तक फंसी ट्रेन, यात्रियों में दहशत