रायपुर। साल 2025 छत्तीसगढ़ के लिए एक ऐसा वर्ष साबित हुआ, जिसे प्रदेश कभी भूल नहीं पाएगा। यह साल न केवल कई परिवारों के चिराग बुझा गया, बल्कि लाखों-करोड़ों की संपत्ति को भी पलभर में खाक कर गया। प्रदेश के अलग–अलग हिस्सों में हुई भीषण आगजनी, सड़क और रेल हादसों, विस्फोटों और घरेलू त्रासदियों ने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर कर रख दिया।
चलती ट्रेनों से उठता धुआं, आग का गोला बनते ट्रक, घरों में जिंदा जलते लोग और सार्वजनिक स्थानों पर मचती अफरा-तफरी—इन घटनाओं ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और फायर फाइटिंग सिस्टम पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। आइए नजर डालते हैं साल 2025 की उन बड़ी और दर्दनाक घटनाओं पर, जिन्होंने प्रदेश को हिला दिया।
ट्रेन–ट्रक से जुड़ी बड़ी घटनाएं
बिलासपुर में लोकल पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की आमने-सामने भिड़ंत में कई लोगों की मौत हुई, जबकि दर्जनों यात्री घायल हो गए। पैसेंजर ट्रेन कोरबा से बिलासपुर की ओर आ रही थी।
रायगढ़ के भूपदेवपुर–किरोड़ीमल नगर सेक्शन में आजाद हिंद एक्सप्रेस (12129) के जनरल कोच से धुआं उठने लगा, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। समय रहते बड़ा हादसा टल गया।
दुर्ग रेलवे स्टेशन में खड़ी एक ट्रेन की बोगी में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया।
बिलासपुर–जांजगीर नेशनल हाईवे पर लोहे से लदे ट्रक में विस्फोट के बाद आग लग गई और ट्रक आग का गोला बन गया।
बलौदाबाजार के गोड़ा गांव के पास सड़क किनारे खड़े ट्रेलर से एक ऑयल टैंकर टकरा गया। भीषण आग में तीन लोगों की मौके पर ही जिंदा जलकर मौत हो गई।
घरेलू हादसे और आत्मघाती घटनाएं
रायपुर में दहेज प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला ने महिला थाना परिसर में खुद को आग लगा ली, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
ग्राम आमापारा में रात के समय कमरे में आग लगने से पिता–पुत्र जिंदा जल गए। सुबह कमरे में केवल राख बची मिली।
रायगढ़ के घरघोड़ा में एक झोपड़ी से मां–बेटी की जली लाश बरामद हुई, जबकि पिता का शव फंदे पर लटका मिला।
आग का तांडव
रायपुर के वीआईपी रोड स्थित बेबीलोन टावर में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 50 से अधिक लोग तीसरी से आठवीं मंजिल के बीच फंस गए।
मुख्यमंत्री निवास के पास भगत सिंह चौक स्थित एक कॉम्प्लेक्स में भीषण आग से पूरे शहर में दहशत फैल गई।
बिलासपुर के सिरगिट्टी औद्योगिक क्षेत्र में तारपीन तेल से भरे टैंकर में आग लगने से एक श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गया।
अन्य चौंकाने वाली घटनाएं
कांकेर के तेवड़ा गांव में विवाद के बाद चर्च में आगजनी की गई, जिसके बाद इलाके में धारा 144 जैसे हालात बन गए।
बालोद में हमर राज पार्टी के जिला अध्यक्ष की कार को अज्ञात लोगों ने देर रात आग के हवाले कर दिया।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
साल 2025 की इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आगजनी और हादसों से निपटने के लिए प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने की जरूरत है। आम लोगों की जान की कीमत पर लापरवाही अब सवालों के घेरे में है।



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