देश में परिवहन को प्रदूषण मुक्त बनाना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, अब इस ओर तकनीक की मदद से कोशिशें भी तेज हो गई हैं। नितिन गड़करी ने देश के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। गड़करी के मुताबिक, सरकार बहुत जल्द देश के कई शहरों में रोपवे केबल बसों को शुरू कर सकती है। इसे क्लीन फ्यूचर मोबिलिटी की ओर सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गडकरी ने यह खुलासा बीजेपी के एक्स हैंडल (@BJP4India) पर जारी किए गए एक इंटरव्यू में किया है।
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ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
भारत सरकार के अर्बन डेवलपमेंट और ट्रांसफॉर्मेशन मिशन के तहत यह योजना एक मिल का पत्थर साबित हो सकती है। मौजूदा समय में शहरों के अंदर मेट्रो की कनेक्टिविटी पर्याप्त नहीं है। वहीं, सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या के चलते बसों का संचालन करना मुश्किल होता जा रहा है। रोपवे केबल बसों के शुरू होने से कई शहरों को ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
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क्या हैं रोपवे बसें?
रोपवे बसें या केबल कार केबल पर चलने वाली बसें होती हैं। केबल बस नेटवर्क में सीमित दूरी पर स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां से लोग इनमें चढ़ पाएंगे। गडकरी के मुताबिक, ये नेटवर्क पूरी तरह ईको फ्रेंडली होगा और इन्हें बैटरी से पावर मिलेगी।
रोपवे केबल बस पुरी तरह साइलेंट और जोरी एमिशन होंगे, यानी इनके चलने से कार्बन एमिशन शून्य होगा।
60 परियोजनाओं को मिली मंजूरी
नितिन गडकरी के मुताबिक, देशभर में 60 से ज्यादा रोपवे और केबल कार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है। वहीं, सरकार को इस परियोजना से संबंधित 360 प्रपोजल मिले हैं। इसके साथ ही सरकार को यूएस, यूरोप और जापान जैसे देशों से इस परियोजना के लिए 13 टेक्नोलॉजी प्रपोजल भी मिले हैं। नितिन गडकरी के मुताबिक, इसे सबसे पहले दिल्ली में शुरू करने की योजना बनाई जा रही है और इसपर रिसर्च का काम भी शुरू हो चुका है।
उड़ते हुए बस में मिलेगी चाय
जानकारी के मुताबिक, रोपवे बसों में यात्रियों के लिए 135 सीटें होंगी और बसे पूरी तरह एयर कंडीशन केबिन के साथ आएंगी। चार्ज खत्म होने पर इन्हें केवल 30 सकेंड में दोबारा फुल चार्ज किया जा सकेगा। वहीं, इन बसों में यात्रियों को प्रीमियम सफर का अनुभव मिलेगा और सफर के दौरान चाय भी सर्व की जाएगी। पोस्ट के मुताबिक, हिताची और साइमेंस जैसी कंपनियां रोपवे बसों को तैयार करेंगी।
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