रायपुर, छत्तीसगढ़: भारत के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आज छत्तीसगढ़ के स्कूली छात्रों के साथ बातचीत की। ‘विकसित भारत@2047’ कार्यक्रम के तहत आयोजित इस वर्चुअल संवाद में उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान, अपने अनुभव और इसरो (ISRO) के मिशनों के बारे में जानकारी दी।
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छात्रों से साझा किए अनुभव
शुभांशु शुक्ला ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए चुने जाने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए और पूरे देश के लिए बहुत गर्व का क्षण है। इसरो के साथ मिलकर काम करना और इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनना एक सपने के सच होने जैसा है।” उन्होंने छात्रों को अंतरिक्ष यात्रा के लिए किए जा रहे कठोर प्रशिक्षण और तैयारियों के बारे में भी बताया।
वैज्ञानिक सोच विकसित करने की सलाह
शुक्ला ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे छोटी उम्र से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि लें। उन्होंने कहा, “अपने अंदर वैज्ञानिक सोच विकसित करें। सवाल पूछें, प्रयोग करें और नई चीजों को जानने की कोशिश करें। भविष्य में भारत को आगे ले जाने में आप जैसे युवा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा के स्तर को सुधारने और बच्चों में वैज्ञानिक रुचि बढ़ाने के लिए इसरो भी मदद कर सकता है।
गगनयान मिशन पर दी जानकारी
संवाद के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने गगनयान मिशन के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह मिशन भारत को अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले देशों की सूची में शामिल करेगा, जिससे देश की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं में बड़ा उछाल आएगा। उन्होंने छात्रों के सवालों का भी जवाब दिया, जिसमें अंतरिक्ष में जीवन, शून्य गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष यात्रियों की दिनचर्या जैसे विषय शामिल थे।
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