सुकमा समाचार (Sukma News):
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में गुरुवार सुबह 6 बजे से एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की बड़ी छापेमारी कार्रवाई चल रही है। यह कार्रवाई सुकमा जिला मुख्यालय के साथ-साथ कोंटा क्षेत्र में की जा रही है। जांच की जद में पूर्व विधायक और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के अलावा तेंदूपत्ता प्रबंधक भी हैं।
तेंदूपत्ता बोनस वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद यह जांच शुरू की गई है। ग्रामीण आदिवासी संग्राहकों को करीब 6 करोड़ रुपए के बोनस वितरण में अनियमितताओं को लेकर लगातार आवाज उठाई जा रही थी। खुद मनीष कुंजाम ने कई बार प्रशासन से इस मामले की जांच की मांग की थी।
गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले में सुकमा के डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित किया गया था। 8 मार्च को उनके घर भी छापा पड़ा था, जिसमें नकद और सोना बरामद हुआ था। अब एक बार फिर एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने सुकमा, कोंटा और अन्य क्षेत्रों में प्रबंधकों के घर छापेमारी शुरू की है।
जिन प्रबंधकों के यहां छापे पड़े हैं, उनमें कोंटा के शरीफ खान, पलचलमा के वेंकट रवाना, फूलबगड़ी के राजशेखर पुराणिक, जगरगुंडा के रवि गुप्ता, मिशिगुड़ा के राजेश आयतु और एर्राबोर के महेंद्र सिंह शामिल हैं।
इस कार्रवाई को लेकर सियासत भी गरमा गई है। सीपीआई और कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार राजनीतिक बदले की भावना से यह छापेमारी करवा रही है। उनका कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा को समर्थन न देने की वजह से सीपीआई नेताओं को टारगेट किया जा रहा है, ताकि उनकी छवि को धूमिल किया जा सके।



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