Categories

December 20, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

Vandematram

Vande Mataram : ‘वंदे मातरम’ के रचयिता के घर की बदहाल स्थिति पर उठा सवाल

Vande Mataram , कोलकाता। राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के रचयिता और महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का ऐतिहासिक आवास अपनी जर्जर हालत को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में है। बंकिमचंद्र की पांचवीं पीढ़ी से संबंध रखने वाले सजल चट्टोपाध्याय ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी परिवारिक विरासत को पूरी तरह से उपेक्षित छोड़ दिया गया है। उनका कहना है कि जिस मकान को धरोहर मानकर सरकार ने अपने अधीन लिया, आज उसकी हालत बद से बदतर होती जा रही है।

Poultry Farm Operator Murdered : बिलासपुर में लापता युवक की हत्या, पत्थर बांधकर तालाब में फेंका, प्रेम-प्रसंग में हत्या की आशंका

सजल चट्टोपाध्याय ने बताया कि यह घर कभी सांस्कृतिक और बौद्धिक गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था, लेकिन अब टूटी दीवारें, जर्जर खिड़कियां और धूल खाती किताबें इसकी वर्तमान स्थिति को बयान करती हैं। उनका आरोप है कि ममता बनर्जी सरकार के आने के बाद इस धरोहर की देखरेख बंद हो गई, जबकि इससे पहले लेफ्ट शासनकाल में इसे एक लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया गया था।

उन्होंने बताया, “जब बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तब इस घर को लाइब्रेरी में बदला गया था। न सिर्फ उसकी मरम्मत की गई थी, बल्कि लाइब्रेरी नियमित रूप से चलती भी थी। लेकिन ममता सरकार के आने के बाद स्थिति बदलती चली गई। लाइब्रेरी सालों से बंद पड़ी है। हम आज भी जब वहां जाते हैं तो ताला लटका मिलता है। न सरकार हमारी सुनती है, न हमारी विरासत की फिक्र किसी को है।”

सजल का कहना है कि एक ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व की धरोहर होने के बावजूद प्रशासनिक उदासीनता ने इस मकान को खंडहर बनने की कगार पर ला दिया है। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि यह भवन बंगाल के गौरव और भारत के स्वतंत्रता संग्राम की अमूल्य स्मृति है, जिसे सहेजना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

About The Author