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December 20, 2025

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Chhattisgarh RI promotion exam scam

Chhattisgarh RI promotion exam scam

Chhattisgarh RI Promotion Exam Scam : छत्तीसगढ़ RI प्रमोशन परीक्षा घोटाला, EOW की कार्रवाई तेज, कई बड़े अधिकारी रडार पर

Chhattisgarh RI Promotion Exam Scam : रायपुर, 5 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ में राजस्व निरीक्षक (RI) प्रमोशन परीक्षा से जुड़े बड़े घोटाले ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने पटवारी संघ और शासन द्वारा प्राप्त शिकायतों के आधार पर 10 अधिकारी–कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जांच को तेज कर दिया है। इनमें से दो आरोपी — वीरेंद्र जाटव (सहायक अधिकारी) और हेमंत कौशिक — को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जा चुका है, जबकि अन्य 8 की गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है।एजेंसी के अनुसार, पूरे मामले में 18 से अधिक लोगों की संलिप्तता सामने आई है। प्रारंभिक डिजिटल और दस्तावेज़ी सबूतों के विश्लेषण से संकेत मिलते हैं कि यह सिर्फ परीक्षा हेराफेरी नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क द्वारा रची गई संगठित साजिश थी।

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क्या है RI प्रमोशन परीक्षा घोटाला?

जांच में सामने आए तथ्यों के अनुसार—

  • कई परीक्षा केंद्रों पर पति-पत्नी, भाई-भाई या करीबी रिश्तेदारों को पास-पास बैठाया गया ताकि उन्हें नकल कराने में आसानी हो सके।

  • एक मामले में एक पटवारी जो परीक्षा में फेल हुआ था, उसका परिणाम बाद में “पास” कर दिया गया।

  • पदोन्नति दिलाने के लिए कथित तौर पर फर्जी तरीके अपनाए गए और परिणामों में जानबूझकर हेराफेरी की गई।

  • यह पूरा ऑपरेशन एक संगठित तरीके से चलाया गया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर क्लर्क और प्यून तक शामिल पाए गए।

EOW की छापेमारी और मिले सबूत

19 नवंबर को EOW की टीम ने 7 जिलों में 19 ठिकानों पर अचानक छापेमारी की थी।
इस दौरान—

  • महत्वपूर्ण दस्तावेज,

  • डिजिटल उपकरण,

  • और इलेक्ट्रॉनिक डेटा बरामद किया गया,

जिनकी फोरेंसिक जांच के बाद FIR दर्ज की गई। अधिकारियों का कहना है कि जांच आगे बढ़ते ही कई और नाम उजागर होने की संभावना है।

 FIR में शामिल सभी आरोपितों के नाम

इन 10 लोगों पर संगठित साजिश, परीक्षा हेराफेरी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं—

  1. प्रेमलता पद्माकर – तत्कालीन आयुक्त (सांख्यिकी)

  2. हरमन टोप्पो – सहायक आयुक्त

  3. वीरेंद्र जाटव – सहायक अधिकारी (गिरफ्तार)

  4. आशीष प्रकाश ब्रजपाल – क्लर्क

  5. रामाज्ञा यादव – मानचित्रकार

  6. लीला देवांगन – आरआई

  7. ईश्वर लाल ठाकुर – बाबू

  8. हेमंत कौशिक – (गिरफ्तार)

  9. जयंत यादव

  10. राकेश डड़सेना – प्यून

जांच एजेंसी ने पुष्टि की है कि यह सूची प्रारंभिक है और शामिल लोगों की संख्या 18 से अधिक हो सकती है।

 राज्य प्रशासन में हलचल, बड़े अफसर भी जांच के घेरे में

घोटाले का दायरा सिर्फ परीक्षा संचालन तक सीमित नहीं है। प्रारंभिक साक्ष्यों से संकेत मिलता है कि—

  • पदोन्नति के लिए सिस्टमेटिक भ्रष्टाचार किया गया,

  • प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए परिणामों में बदलाव किए गए,

  • और पास कराने के बदले संभावित आर्थिक लाभ लिया गया।

सूत्रों का कहना है कि EOW जल्द ही वरिष्ठ स्तर पर भी कार्रवाई कर सकती है।

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