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November 27, 2025

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Unity March

Unity March

Unity March : बिलासपुर में बीजेपी यूनिटी मार्च के दौरान नेता आपस में भिड़े, केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता बीच-बचाव में सामने

Unity March : बिलासपुर, छत्तीसगढ़: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा आज बिलासपुर में आयोजित किए गए ‘यूनिटी मार्च’ (एकता मार्च) का उद्देश्य भले ही पार्टी में एकता का संदेश देना रहा हो, लेकिन इस आयोजन ने पार्टी के भीतर की विवादों और टकराव को सार्वजनिक मंच पर ला दिया। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू की उपस्थिति में, बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला और प्रदेश मंत्री हर्षिता पांडे के बीच ‘फर्स्ट लाइन’ में चलने को लेकर जमकर विवाद हुआ, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

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‘फर्स्ट लाइन’ में आगे रहने की होड़ बनी विवाद की वजह

यह घटनाक्रम मार्च की शुरुआत में तिफरा से यात्रा निकलते ही सामने आया। विवाद की जड़ केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू के साथ सबसे आगे, यानी ‘फर्स्ट लाइन’ में चलने की होड़ थी।

  • विवाद का कारण: बीजेपी प्रदेश मंत्री हर्षिता पांडे केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के बगल में खड़ी होकर चलने लगीं, जिससे विधायक सुशांत शुक्ला को ‘फर्स्ट लाइन’ में जगह नहीं मिल पाई और उन्हें दूसरी लाइन में चलना पड़ा।
  • टकराव: कुछ दूर चलने के बाद जब विधायक शुक्ला ने तोखन साहू के बगल में आने का प्रयास किया, तो प्रदेश मंत्री पांडे भड़क गईं। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच सरेराह जमकर नोंक झोंक हुई और दोनों ने एक-दूसरे को ‘देख लेने’ तक की बात कह डाली।

वरिष्ठ नेताओं को करना पड़ा हस्तक्षेप

बढ़ते विवाद को देख केंद्रीय मंत्री तोखन साहू और वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक को फौरन हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने बीच-बचाव किया, जिसके बाद दोनों नेता शांत हुए। यह सार्वजनिक विवाद बीजेपी में अंदरूनी खींचतान और पद की महत्वाकांक्षा को उजागर करता है, खासकर तब जब पार्टी एक ‘एकता मार्च’ का आयोजन कर रही थी।

सियासी गलियारों में तूल पकड़ने की आशंका

यूनिटी मार्च में बीजेपी नेताओं के बीच हुए इस सार्वजनिक झगड़े ने विपक्षी दलों को निशाना साधने का मौका दे दिया है। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आने वाले दिनों में सियासी तौर पर तूल पकड़ सकता है और छत्तीसगढ़ बीजेपी के भीतर टकराव की स्थिति को और गहरा कर सकता है।

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