Categories

November 27, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

Dongargarh Trust Dispute : डोंगरगढ़ ट्रस्ट और गोंड समाज विवाद ने पकड़ा तूल, बड़ा खुलासा आया सामने

डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी डोंगरगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है। मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट और गोंड समाज के बीच चल रहा विवाद अब और गहराता जा रहा है। गोंड समाज ने ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मंदिर प्रबंधन “मूलनिवासियों की आवाज़ दबाने और समाज को बांटने की साज़िश” कर रहा है।

Indian Rupee Strong Countries : भारत का पैसा यहां चलता है सबसे ज्यादा – ट्रैवलर्स के लिए खुशखबरी

विवाद की शुरुआत नवरात्र की पंचमी से

यह विवाद बीती नवरात्र की पंचमी से शुरू हुआ था, जब मंदिर प्रबंधन और गोंड समाज के कुछ सदस्यों के बीच धार्मिक अधिकारों और व्यवस्थाओं को लेकर मतभेद सामने आए। अब यह मामला केवल विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आरोप-प्रत्यारोप के दौर में बदल गया है।

‘खरीदे हुए आदिवासी’ का बड़ा दावा

गोंड समाज के प्रतिनिधियों का दावा है कि ट्रस्ट समिति ने “खरीदे हुए आदिवासियों” से प्रेस कॉन्फ़्रेंस करवाकर समाज की असली आवाज़ को दबाने की कोशिश की है। उनका कहना है कि कुछ लोगों को पैसे और प्रभाव के ज़रिए अपने पक्ष में बयान दिलवाए जा रहे हैं, ताकि ट्रस्ट के गलत कामों को छिपाया जा सके।

गोंड समाज ने जताया रोष, की जांच की मांग

गोंड समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि यह केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक अन्याय का मामला है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और ट्रस्ट के कार्यों की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

मंदिर ट्रस्ट की सफाई

दूसरी ओर, मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति का कहना है कि गोंड समाज के आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। ट्रस्ट का दावा है कि मंदिर की व्यवस्था पूरी पारदर्शिता से चलाई जा रही है और किसी भी व्यक्ति या समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया गया है।

स्थानीय स्तर पर बढ़ा तनाव

डोंगरगढ़ में इस विवाद के बाद स्थानीय माहौल तनावपूर्ण हो गया है। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी है और सभी पक्षों से शांतिपूर्ण व्यवहार की अपील की है।

प्रशासन की अपील

स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए संवाद और बातचीत का रास्ता अपनाया जाएगा ताकि धार्मिक सौहार्द बना रहे।

आगे की रणनीति पर विचार

गोंड समाज ने आगामी दिनों में सामूहिक बैठक बुलाने की घोषणा की है, जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। समाज ने कहा है कि जब तक मूलनिवासियों को सम्मान और अधिकार नहीं मिलते, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

About The Author