रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें बरकरार हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की 13 दिन की रिमांड अवधि आज (तारीख) समाप्त होने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
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सुनवाई के दौरान EOW ने चैतन्य बघेल से रिमांड अवधि में हुई पूछताछ और जाँच से जुड़े तथ्य कोर्ट के सामने रखे।
कोर्ट का फैसला: न्यायिक हिरासत
विशेष न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चैतन्य बघेल को न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में जेल भेज दिया है। उन्हें (तारीख) तक के लिए जेल भेजा गया है। इसका अर्थ है कि अब चैतन्य बघेल EOW की हिरासत में न रहकर जेल में बंद रहेंगे।
जाँच का दायरा
चैतन्य बघेल को EOW ने अपने द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर कथित रूप से ₹3,200 करोड़ के शराब घोटाले से मिली अवैध राशि को रियल एस्टेट और अन्य फर्जी निवेश के माध्यम से खपाने का आरोप है।
चैतन्य बघेल पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में थे, जिसके बाद EOW ने उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर रिमांड में लिया था। EOW ने रिमांड के दौरान घोटाले से जुड़े और सबूत जुटाने और मनी ट्रेल को समझने का प्रयास किया।
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