leh violence case नई दिल्ली/लेह, 2 अक्टूबर 2025 — लेह हिंसा मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की कथित गिरफ्तारी को लेकर उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक को एक सप्ताह पहले हिरासत में लिया गया, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी की वजह या स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
Kendriya Vidyalaya : गृह मंत्रालय के अधीन खुलेंगे 7 नए KV, शिक्षा मंत्रालय ने मांगा प्रस्ताव
वांगचुक की पत्नी ने कोर्ट से अपील की है कि उनके पति को जल्द से जल्द न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए और उन्हें उचित चिकित्सा व कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि वांगचुक को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है, और यह उनकी निजी स्वतंत्रता के अधिकार (Article 21) का उल्लंघन है।
oil yard bust: अवैध डीजल-पेट्रोल का जखीरा पकड़ा, रायपुर में 10 पर एफआईआर
क्या है बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका?
बंदी प्रत्यक्षीकरण एक संवैधानिक अधिकार है, जिसके तहत अगर किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया हो तो उसके परिजन या जानने वाले सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। कोर्ट संबंधित व्यक्ति को पेश करने का आदेश देता है और गिरफ्तारी की वैधता की जांच करता है।



More Stories
Chennai Metro Suffers Major Technical Fault : टनल में 10 मिनट तक फंसी ट्रेन, यात्रियों में दहशत
भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के लिए रायपुर ट्रैफिक एडवाइजरी: मार्ग और पार्किंग व्यवस्था लागू!
मुरादाबाद में शिक्षक की आत्महत्या: एसआईआर कार्य के दबाव में टूटे सर्वेश सिंह, सुसाइड नोट में बयां की दर्दनाक दास्तां