रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में विकास कार्यों की रफ़्तार तेज करने और सुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बुधवार को विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों के साथ एक मैराथन बैठक की। यह उच्च स्तरीय बैठक मुख्यमंत्री निवास में आयोजित की गई, जिसमें सभी प्रमुख विभागों के मुखिया मौजूद रहे।
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बैठक का मुख्य फोकस दिन के एक्शन प्लान की प्रगति और चुनावी आचार संहिता हटने के बाद लंबित पड़े सरकारी कामकाज को तेजी से आगे बढ़ाने पर रहा।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं: CM का कड़ा निर्देश
मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि उनकी सरकार टाइम-बाउंड (समयबद्ध) तरीके से काम करने में विश्वास रखती है। उन्होंने लापरवाही और लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जनहित की योजनाओं को लागू करने में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम ने विभागों से फीडबैक लिया और उन्हें विशेष रूप से निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करने को कहा:
- जनशिकायतों का निवारण: जनता से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
- लंबित परियोजनाएँ: केंद्र और राज्य सरकार की जो भी बड़ी परियोजनाएँ अटकी हुई हैं, उन्हें तत्काल शुरू करने के लिए रोडमैप तैयार करें।
- वित्तीय अनुशासन: सरकारी खजाने के सदुपयोग और वित्तीय अनुशासन पर जोर दिया जाए।
प्रशासनिक सर्जरी की अटकलें
मैराथन बैठक के बाद, प्रशासनिक गलियारों में बड़े फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री साय जल्द ही उन अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकते हैं, जिन्होंने दिन के एजेंडे पर संतोषजनक प्रगति दिखाई है, जबकि सुस्त प्रदर्शन करने वाले विभागों के मुखिया पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
सीएम ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे सरकार के विकास विजन के अनुरूप काम करें और सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।



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