इस्लामाबाद/मुजफ्फराबाद। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ ज़बरदस्त विद्रोह भड़क उठा है, जहां न सिर्फ आम जनता बल्कि स्थानीय पुलिस भी सड़कों पर उतर आई है। बिगड़ते हालात को काबू करने के लिए इस्लामाबाद से करीब 7,000 जवान (पुलिस और फ्रंटियर फोर्स के जवान) PoK में उतारने पड़े हैं।
पुलिस ने क्यों छेड़ा विद्रोह?
PoK में कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली स्थानीय पुलिस भी पाकिस्तानी सरकार से भारी नाराज़ है। उनकी नाराजगी वेतन वृद्धि, बेहतर सुविधाओं और जोखिम भत्ते जैसी मांगों को खारिज किए जाने के कारण है। मांगों के पूरा न होने पर, स्थानीय पुलिसकर्मियों ने हड़ताल का रास्ता अपना लिया है, जिससे पूरे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है।
जनता की ‘आवामी एक्शन कमेटी’ का बड़ा आंदोलन
पुलिस के अलावा, अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। लोगों का गुस्सा पाकिस्तान की आर्थिक उपेक्षा, भारी महंगाई, बिजली के बढ़े हुए टैरिफ और आटे की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ है।
AAC ने सरकार के सामने 38 सूत्रीय मांगें रखी हैं, जिनमें मुख्य रूप से ये शामिल हैं:
- सब्सिडी वाला सस्ता आटा और बिजली।
- भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना।
- क्षेत्र के जल विद्युत संसाधनों पर स्थानीय लोगों का नियंत्रण।
- PoK विधानसभा की 12 ‘शरणार्थी सीटों’ को समाप्त करना।
हालात संभालने के लिए उतारी गई फौज
PoK के विभिन्न शहरों— मुजफ्फराबाद, कोटली और मीरपुर— में ‘शटर-डाउन और व्हील-जाम’ (अनिश्चितकालीन बंद) हड़ताल की घोषणा के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। प्रदर्शनों को दबाने के लिए शहबाज सरकार ने बड़ा कदम उठाया और इस्लामाबाद तथा पंजाब से 7,000 सुरक्षाकर्मियों (पुलिस और फ्रंटियर फोर्स) को PoK में तैनात कर दिया।
इंटरनेट ठप, सड़कों पर फ्लैग मार्च
प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार ने रातोंरात PoK में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दीं, जिसे स्थानीय लोग ‘डिजिटल मार्शल लॉ’ करार दे रहे हैं। कई शहरों में पाकिस्तानी सेना के भारी हथियारों से लैस काफिलों ने फ्लैग मार्च किया, जबकि कोटली में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की खबर भी आई है, जिसमें कई नागरिकों के घायल होने की आशंका है।
AAC के प्रमुख नेता शौकत नवाज मीर ने कहा है कि, “या तो हमें हमारे अधिकार दो, या फिर जनता के गुस्से का सामना करो। हम 70 सालों से वंचित हैं, अब बहुत हो चुका।” PoK में भड़का यह विद्रोह पाकिस्तानी हुकूमत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
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