अयोध्या में प्रॉपर्टी की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। करीब आठ साल बाद शहर की सर्किल दरों में 30% से लेकर 200% तक की भारी बढ़ोतरी की गई है, जिससे जमीन की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। अधिकारियों के अनुसार, यह नई दरें 10 जून से लागू हो चुकी हैं और इनका सबसे ज्यादा असर राम जन्मभूमि मंदिर के 10 किलोमीटर के दायरे में देखा गया है, जहां रेट में 150% से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
अयोध्या में सबसे महंगे इलाके
रकाबगंज, देवकाली और अवध विहार अब जिले के सबसे महंगे इलाकों में शामिल हो गए हैं। यहां का नया सर्किल रेट 26,600 से 27,900 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गया है, जबकि पहले यह रेट 6,650 से 6,975 रुपये प्रति वर्ग मीटर था। अधिकारियों का कहना है कि यह वृद्धि स्थान और भूमि के उपयोग के आधार पर तय की गई है।
कैसे और क्यों बढ़े रेट?
सदर (फैजाबाद) तहसील के उप-पंजीयक शांति भूषण चौबे के मुताबिक, सितंबर 2024 में प्रस्तावित दरों को आपत्तियों के समाधान के बाद जिलाधिकारी टीकाराम फुंडे ने मंजूरी दी है। सबसे ज्यादा बदलाव उन क्षेत्रों में हुआ है जहां जमीन की खरीद-बिक्री ज्यादा होती है। नई दरें आवासीय, वाणिज्यिक और कृषि भूमि के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई हैं।
बिल्डर्स और एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रिया
स्थानीय बिल्डर सौरभ विक्रम सिंह का मानना है कि सर्किल रेट में बढ़ोतरी से स्टांप ड्यूटी तो बढ़ेगी, लेकिन इससे संपत्ति का वैध मूल्य बढ़ेगा, जिससे लोन और मूल्यांकन में सुविधा होगी। रियल एस्टेट डेवलपर विवेक अग्रवाल ने कहा कि इस कदम से ब्लैक मनी के लेनदेन पर रोक लगेगी और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आएगी।
क्या है सर्किल रेट?
सर्किल रेट वह न्यूनतम कीमत होती है जिस पर किसी इलाके में संपत्ति का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। यह स्टांप ड्यूटी और भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की गणना के लिए भी आधार बनता है।
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