हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में देने वाले मशहूर निर्देशक पार्थो घोष का सोमवार, 9 जून को 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। 1990 और 2000 के दशक में उन्होंने दर्शकों को सस्पेंस, भावना और सामाजिक संदेशों से भरपूर कई बेहतरीन कहानियां दीं। पार्थो घोष को खासतौर पर सुपरहिट फिल्मों ‘100 डेज’ और ‘अग्नि साक्षी’ के लिए याद किया जाता है। एक्ट्रेस ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि यह खबर सुनकर उनका दिल टूट गया है।
‘अग्नि साक्षी’ ने दिलाई खास पहचान
1996 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘अग्नि साक्षी’ ने पार्थो घोष को गंभीर और सामाजिक विषयों पर फिल्में बनाने वाले निर्देशक के रूप में स्थापित किया। घरेलू हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी इस फिल्म में नाना पाटेकर, मनीषा कोइराला और जैकी श्रॉफ ने अहम भूमिकाएं निभाईं। दर्शकों ने इस फिल्म को खूब सराहा। अपने करियर में उन्होंने 15 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें थ्रिलर, रोमांस और सामाजिक मुद्दों की विविधता देखने को मिली। उनकी आखिरी फिल्म ‘मौसम इकरार के, दो पल प्यार के’ साल 2018 में आई थी।
एक अमिट सिनेमाई विरासत
पार्थो घोष को उनकी सिनेमाई योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। ‘अग्नि साक्षी’ को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक की श्रेणी में नामांकन मिला था। उनकी फिल्मों की कहानियां आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री ने एक संवेदनशील और प्रतिभाशाली निर्देशक को खो दिया है, लेकिन उनकी सिनेमाई विरासत हमेशा उन्हें यादगार बनाए रखेगी।
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