रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भू-राजस्व संहिता, 1959 के तहत एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने धारा 24 के अंतर्गत पूर्व में जारी सभी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है। यह बदलाव 1 जनवरी 2024 से प्रभावशील सभी अधिसूचनाओं को निरस्त कर, उनके स्थान पर नवीन अधिकारों के पुनर्निर्धारण की दिशा में उठाया गया कदम है।
छत्तीसगढ़ के IAS सौरभ कुमार को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी, वित्त मंत्रालय में बने निदेशक
अधिसूचना के अनुसार, अब धारा 60, 222, 223, 224 और 226 के अंतर्गत उपखंड अधिकारियों (SDM) को कलेक्टर के समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। हालांकि, ये अधिकार उन्हीं सीमाओं में प्रभावी होंगे, जो कलेक्टर द्वारा उन्हें सौंपे गए हों।
नगरीय क्षेत्र से जुड़े प्रावधान:
-
धारा 93 और 94 के अंतर्गत नगरीय भूमि संबंधी मामलों में कलेक्टर की शक्तियां अब संयुक्त या डिप्टी कलेक्टर, जो नजूल अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें दी गई हैं।
-
नजूल अधिकारी के आदेशों की अपील का अधिकार धारा 44 के तहत कलेक्टर को होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:
-
धारा 143 के अंतर्गत उपखंड अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में कार्य कर सकेंगे।
-
तहसीलदारों को भी उनके आबंटित क्षेत्र में उक्त शक्तियां प्रदान की गई हैं।
More Stories
केंद्रीय गृह मंत्री ने की छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना : अमित शाह से मिले सीएम साय, प्रदेश में नक्सल उन्मूलन अभियानों और उपलब्धियों की दी जानकारी
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री पाटिल से की मुलाकात, बोधघाट परियोजना पर हुई चर्चा
रायपुर में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए 28 से 30 जुलाई को आयोजन में स्मार्टफोन और कीबोर्ड प्रशिक्षण