राजकोट।’ में रविवार को दुष्कर्म पीड़ित 13 वर्षीय मासूम ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। खेलने-कूदने की उम्र में मां बनी इस बच्ची के साथ उसके ही चचेरे भाई और उसके दोस्त ने दुष्कर्म किया था। बच्ची को 33 हफ्ते का गर्भ था। 12 मई को गुजरात हाईकोर्ट ने अबॉर्शन की इजाजत दी थी।
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गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भपात की इजाजत दी थी, लेकिन मेडिकल कॉम्प्लीकेशन की वजह से डिलीवरी करानी पड़ी। बच्ची के पेट में पल रहे भ्रूण का वजन दो किलो था। इसके अलावा नाबालिग को एनीमिया था। ऐसे में लड़की को जान का खतरा था।
ऐसे में डॉक्टर्स ने अबॉर्शन की जगह सिजेरियन (ऑपरेशन से डिलीवरी) को बेहतर समझा। यह देश का पहला मामला है, जब कोर्ट ने 33 हफ्ते की प्रेग्नेंसी में अबॉर्शन की अनुमति दी थी। इससे पहले 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने 32 हफ्ते के गर्भपात की अनुमति दी थी।
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