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May 10, 2025

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जनहित याचिका: डिजिटल फोरेंसिक विशेषज्ञों की कमी पर हाईकोर्ट सख्त, अगली सुनवाई मई में

बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य से जुड़ी सुविधाओं की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की युगलपीठ ने इस मामले में सुनवाई की। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव का शपथपत्र पेश नहीं किया जा सका, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई मई माह के लिए निर्धारित कर दी।

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता शिरीन मल्लेवार की ओर से अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल ने दलील दी थी कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 की धारा 63(4) के तहत इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के प्रमाणीकरण के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की स्थापना जरूरी है। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79-ए का हवाला देते हुए बताया गया कि छत्तीसगढ़ में अब तक कोई अधिकृत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षक नियुक्त नहीं किया गया है। हाई कोर्ट ने इस पर राज्य के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।

सरकार की ओर से यह बताया गया कि शपथपत्र तैयार नहीं हो सका है, जिसके चलते सुनवाई को मई तक के लिए टाल दिया गया।

केंद्र की ओर से प्रयास जारी:
केंद्र सरकार के अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि देशभर में डिजिटल फोरेंसिक लैब की स्थापना को लेकर एक व्यापक योजना बनाई गई है। इसके तहत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, विशेष उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत को चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को आवश्यक दस्तावेज और प्रारूप भेजे जा चुके हैं, ताकि जिन लैब्स में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, उन्हें मान्यता दिलाई जा सके।

इसके साथ ही बताया गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस की साइबर लैब का निरीक्षण करने आई केंद्रीय समिति ने कुछ कमियों की जानकारी दी थी। इस संबंध में केंद्र द्वारा राज्य सरकार को 19 मार्च 2021 और 10 मार्च 2025 को पत्र और ईमेल भेजे गए थे, लेकिन अब तक अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है।

मामले का महत्व:
डिजिटल युग में साइबर अपराध, डेटा चोरी, फर्जी दस्तावेज, और ऑनलाइन ठगी जैसे मामलों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में यदि डिजिटल फोरेंसिक लैब और प्रमाणित विशेषज्ञों की उपलब्धता नहीं होती, तो इससे न्याय प्रक्रिया गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।

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