Pandit Pradeep Mishra Katha : दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में चल रही प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब टेंट संचालक ने भुगतान विवाद को लेकर पंडाल उखाड़ने की कोशिश की। घटना के बाद कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया, हालांकि मौके पर तैनात पुलिस बल ने तत्काल हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रण में लिया और कथा को सुचारु रूप से जारी कराया।
जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले के ग्राम नगपुरा में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन 17 से 21 दिसंबर तक किया गया है। कथा में छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंडाल में कथा श्रवण के लिए जुट रहे हैं।
भुगतान को लेकर खड़ा हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि 19 दिसंबर, शुक्रवार को कथा के दौरान टेंट संचालक ने आयोजक समिति पर पूरा भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए विवाद शुरू कर दिया। टेंट संचालक का कहना है कि पंडाल और डोम निर्माण को लेकर 1 करोड़ 15 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था, लेकिन आयोजकों की ओर से अब तक केवल 25 से 30 लाख रुपये ही दिए गए हैं। शेष राशि नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों को भुगतान करने में भी परेशानी आ रही थी।
पंडाल उखाड़ने का आदेश, मचा हड़कंप
विवाद बढ़ने पर टेंट संचालक ने अपने कर्मचारियों को पंडाल उखाड़ने का आदेश दे दिया। जैसे ही कर्मचारियों ने पंडाल हटाने की कोशिश की, वहां मौजूद श्रद्धालुओं के बीच हड़कंप मच गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तैनात पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई और टेंट संचालक व आयोजकों को समझाइश देकर कार्रवाई से रोका।
पुलिस ने दी सख्त चेतावनी
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि यदि पंडाल को उखाड़ा गया तो भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन सकती है, जिससे जान-माल का खतरा पैदा हो सकता है। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने और आयोजन को बाधित न करने की हिदायत दी, जिसके बाद मामला शांत हुआ और कथा पुनः सामान्य रूप से जारी रही।



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